hindi Best Letter Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Letter in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. T...Read More


Languages
Categories
Featured Books

हिन्दी का इतिहास और विकास By Abhishek Chaturvedi

हिन्दी का इतिहास और विकासहिन्दी भाषा की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसका इतिहास वैदिक काल से जुड़ा है, जब संस्कृत जैसी समृद्ध भाषाओं का प्रयोग होता था। संस्कृत से ही अपभ्रंश भाषाओं का जन्...

Read Free

एक पत्र ज़िंदगी के नाम By उषा जरवाल

एक पत्र - ज़िंदगी के नाम प्रिय ज़िंदगी, मधुर स्मृति कैसी हो तुम ? बहुत दिनों से तुमसे मुलाक़ात नहीं हो पाई । ना जाने कहाँ खो गई हो जो कभी मिलती ही नहीं | तुम जब से गई हो तबसे एक एक ब...

Read Free

Letter From Me - 2 By Rudra S. Sharma

Friends! what I sense, feel or observed, based on the same, do according to you, am I am doing any mistake, if you are comfortable or ok with answering for the same, pls. let me kn...

Read Free

एक आखिरी खत उसे By Prahlad Pk Verma

hiii पागल दुआ करता हूं कि तुम अच्छी होगी, कभी सोचा नहीं था कि मुझे कभी तुम्हे इस तरह खत लिखना पड़ेगा या कहूं तो इस तरह हमारा रिश्ता खत्म होगा मैंने जिंदगी में अगर किसी से सबसे ज्या...

Read Free

चिठिया हो तो हर कोई बांचे By Prafulla Kumar Tripathi

जबसे लैपटाप और मोबाइल युग आया है हम सभी के जीवन से पत्र लेखन ,मनन और वाचन की विधा धीरे धीरे विदा हो रही है ।अपनी सेवा प्रारम्भ वर्ष 1977 से रिटायरमेंट वर्ष 2013 में, फुर्सत के क्षण...

Read Free

रिश्ता चिट्ठी का - 5 By Preeti

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं थीं मैं!!! अच्छा हुआ उससे नहीं मिले आप!! वो, जिसने आपको, आपके प्यार को अपनी ज़िन्दगी में एहमियत...

Read Free

रिश्ता चिट्ठी का By Preeti

दिनांक:26/12/2022प्रोफेसर!मालूम है तारीख़ गलत लिखी है, लेकिन 26 तारीख़ अब शायद ही मैं कभी भूल सकूंगी। जो हुआ उस वजह से नहीं, जो हुआ उस वजह से आपका मेरी ज़िन्दगी में शामिल होना! कहाँ स...

Read Free

बर्बरता का समाधान क्या हैं ? By Rudra S. Sharma

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकता को आकार दें सकती हैं अतः मुक्ति की योग्य इच्छ...

Read Free

सर्व समर्थ जागरूकता की उपलब्धता का पथिक हूँ मैं ..! By Rudra S. Sharma

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकता को आकार दें सकती हैं अतः मुक्ति की योग्य इच्छ...

Read Free

राख!! By Madhu

अरे ये क्या कह रही हो तुम अभी कुछ दिन पहले हि हमारी बात हुई थी तब तो सब ठीक था! एकदम फ़िट एण्ड फ़ाइन थी ये सब कैसे क्या हो गया ?यकीन नहीं हो रहा है सुन्न पड गये है! हैं....? कल तो मि...

Read Free

मुमुक्षु अवचेतन की चेतन मन को प्रतिक्रिया By Rudra S. Sharma

मेरे मुमुक्षु अवचेतन मन की, मुक्त यानी पूर्ण मृत निराकार चेतन मन के प्रेम पूर्ण आमंत्रण की प्रतिक्रिया ..!!मैं ऐसे वाहन चालक सा हूँ, जिसके हिसाब सें वाहन नहीं बल्कि जो असहाय होने स...

Read Free

कुछ शब्द!! By Madhu

उस दिन तुम्हारे बारे में किसी और से मालूम हुआ मुझे उस बात तनिक भी खबर ना थी जब पता चला मेरा दिल धक से हुआ ऐसा लगा कि किसी ने मेरे मुहँ पर तमाचा जड दिया हो ! इतना जुडाव जो तुमसे था...

Read Free

कुछ बाते.... By Madhu

क्यो क्यो हर बार हम अपने जाबान्ज वीरो को खो दे रहे हैं सिर्फ़ कुछ गद्दारो जिस देश का नमक खाते हो क्यो नमक हलाली करते हो..... क्या मिलता ऐसा करके एक फ़ौजी तो अपने देश कि प्रति निष्ठाव...

Read Free

मेरा प्रेम पत्र By Rudra S. Sharma

सही गलत दों हैं और वास्तविकता एक मात्रता का नाम, इसका मतलब हैं जहाँ सही और गलत हों सकता हैं वहाँ भृम या सत्य की ओर इशारे हों सकतें हैं.. सत्य नहीं! और जहाँ न सही हैं और न ही गलत वह...

Read Free

गालियों का प्रयोग क्या सही हैं? By Rudra S. Sharma

अपमान कर्ता शब्दों के प्रयोग, कलंक या निंदा की बात अर्थात् अपशब्दों यानी गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?जो जैसा हैं उसे वैसा ही कहना अर्थात् ही सत्य कहना होता हैं और जिसकी जो जैसा...

Read Free

एक चिट्ठी प्यार भरी - 4 By Shwet Kumar Sinha

प्रिय प्रियतमा, आज एकबार फिर तुम्हारी नगरी में हूं। पर सबकुछ कितना बदल गया है यहां! या फिर शायद ये मेरी नजरों को धोखा भी हो सकता है क्योंकि तुम जो साथ नहीं हो अब।याद है, पहले हम और...

Read Free

मोटे अनाज मल्टीग्रेन की संक्षिप्त जानकारी 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष By JUGAL KISHORE SHARMA

एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में कदन्न अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। कदन्न अनाज को मोटा अनाज भी कहा जाता है क्योंकि इनके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी...

Read Free

आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा समकालीन अध्ययन के सार By JUGAL KISHORE SHARMA

आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा, समकालीन अध्ययन के सार स्वयं और व्यक्तियों को अक्सर समकालीन दर्शन में समानार्थक शब्द के रूप में उपयोग किया जाता है, और कभी-कभी पश्चिमी...

Read Free

तुम्हारे नाम एक पत्र और By SURENDRA ARORA

आज चालीस साल बाद एक बार फिर तुम्हें चिट्ठी लिखने की इच्छा हुई है। इच्छा, आज ही नहीं सच कहूं तो पिछले कई दिनों से दिल के, दिमाग के न जाने कितने कोनो में सागर में किसी उफान की तरह हि...

Read Free

પ્રિય ભાઈ By Dave Tejas B.

પ્રિય ભાઈ આજે તારા વિશે મારા મનમાં ઉઠતા વિચારના મોજાને કલમે કંડારવની ઈચ્છા થઇ પરંતુ વિડંબના એ છે કે શરૂવાત ક્યાંથી કરું, કેટલું લખવું છે તેમ છતાં કય લખવાની ઈચ્છા જ નથી, કેટલું કહેવ...

Read Free

I Hate You I Love You - 13 By Swati

13 आदित्य ने सिद्धार्थ की बात सुनकर गाड़ी अपने घर के रास्ते कर दी । सिद्धार्थ अपने घर के बाहर उतरा । जाते हुए सिद्धार्थ ने कहा, "हम कल बात करेंगे आज तो तेरा दिमाग ठिकाने पर नहीं लग...

Read Free

राजस्थान की कहावतें By JUGAL KISHORE SHARMA

  छोटी मोटी कामणी सगळी विष की बेल (छोटी या बड़ी, सभी कामिनियाँ जहर की बल । अथवा विषय वासना की ओर ले जाने वाली हैं।) जवान में ही रस अर जबान में ही बिस। (बोली में ही रस है और बोली म...

Read Free

आदर्श अभिभावकों को कैसा होना चाहियें? By Rudra S. Sharma

पक्षी को कोई उड़ना नहीं सिखाता, बस इस कदर उड़ने की आवश्यकता होनी चाहियें कि उसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचें; फिर क्या.. उनका उड़ना अंदर से आता हैं; शायद यहीं बात मादा चील जान...

Read Free

मेरी अभिव्यक्ति किसके लियें हैं? By Rudra S. Sharma

मेरी अभिव्यक्ति किनके लियें हैं?ईश्वर ने सभी को अलग-अलग दिमाग दियें हैं इसका मतलब हैं कि वह चाहता हैं कि सभी अपने लियें सोचें और समझें कि उन्हें क्या करना चाहियें और क्या नहीं। इसक...

Read Free

सत्य को स्वार्थी नहीं होना चाहियें। By Rudra S. Sharma

लेखक और लेखन के संबंध में।मेरी अभिव्यक्ति केवल मेरे लियें हैं यानी मेरी जितनी समझ के स्तर के लियें और यह मेरे अतिरिक्त उनके लियें भी हो सकती हैं जो मुझ जितनी समझ वाले स्तर पर हों अ...

Read Free

Why are most people unable to understand me? By Rudra S. Sharma

क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहते हैं?किसी का भी मुझे समझ नहीं सकने का सही अर्थों में यानी वास्तविक कारण क्या हो सकता हैं?क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहत...

Read Free

मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं? By Rudra S. Sharma

■ मैं संसार से पूर्णतः विरक्ति के पश्चात भी सांसारिक क्यों और कैसे हूँ?मैं संसार से पूर्णतः विरक्त हूँ यानी सत्य या वास्तविकता के महत्व से पूर्णतः भिज्ञ हूँ परंतु अज्ञान यानी कि सं...

Read Free

दिसंबर️️ By Priya pandey

दिसंबर तुम मेरे लिए सबसे खास हो, सबसे करीब भी..खास क्यों ये मैं नहीं जानती लेकिन इतना पता है कि हर बार तुम मुझे और मजबूत बना जाते हो, बचपन से ही साल भर तुम्हारे तुम्हारे आने का इंत...

Read Free

प्रियतमने पत्र By Bhanuben Prajapati

प्रियतमने पत्र भाग - 1 प्रिय सागर आज तुम्हें एक खत भेज रही हूं । जिसने मेरे हदयमें लगी हुई दिल की याद को भेज रही हूं । तुम मेरे इस खत का जवाब जरूर भेजना तुम्हारी याद आती है .तब दिल...

Read Free

मेरा यार शिंदे बाबू... By Deepak Pradhan

ओय शिंदे बाबू...आज तेरे जन्मदिन पर मन कर रहा है कि मैं तुझपर ढेर सारी बातें लिखूँ तुझे लिखू,तेरी बाते लिखूँ,तेरी यादे लिखूँ या फिर तेरी वो सरारते लिखूँ जो तू बचपन में स्कूल में किय...

Read Free

खुला पत्र (शराबी पति के नाम) By Alok Mishra

हे प्राणनाथ, यहाँ सब लोग कुशल मंगल है। इस पत्र को लिखते हुए मुझे अपने वे दिन याद आ रहे है, जब हम पहली बार राशन की दुकान पर मिले थे। तुमने मुझे देखा और देखते रह गए, मैं सावली...

Read Free

एक पत्र भगवान के नाम By Megha Rathi

भगवान जी नमस्कार, आशा है कि आप कुशलतापूर्वक होंगे, हाँ.. होंगे ही… क्योंकि आप तो भगवान हैं जो सबकी इच्छाएं पूरी करते हैं, सभी आपसे सुख की कामना करते हैं तो आप स्वयं का ध्यान रखने...

Read Free

Unemployment And The Red (Hersh of Society) By शिवाय

Unemployment in India & The Redआपके शब्द और आपका समय हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है ??देश के विकास में आपकी लिखित रचना काम आ सकती हैहम एक शीर्षक पर काम कर रहे है जिसका नाम "बेरोजगारी...

Read Free

एक पाती माता पिता के नाम By Annada patni

एक पाती माता पिता के नाम अन्नदा पाटनी पूज्य बाबूजी व अम्माँ, सादर प्रणाम । यह जानते हुए भी कि आप हमारे बीच में नहीं है, न हीं आप हमें देख सकते हैं और न ही सुन सकते है, फिर भी आपको...

Read Free

इलाहाबादी चिट्ठी बाबू जी के नाम By Abhinav Singh

प्रिय बाबू जी, आपका पत्र हमको मिला। हम यहाँ कुशल से हैं और आशा करते है की वहाँ भी सब कुशल ही होगा। बाबू जी आपको सूचित करते हुये बहुत हर्ष हो रहा है कि इस बार फिर हमारा समीक्षा अधिक...

Read Free

बेनामी ख़त - 3 By Dhruvin Mavani

( ये किसी एक के लिए नही है वल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी जिंदगी में सच्ची मोहब्बत की है लेकिन अब वो उनके साथ नही है । इसका हर शब्द बिल्कुल आजाद है वो जहाँ चाहे वहाँ पहोच सक...

Read Free

एक अप्रेषित-पत्र - 14 - अंतिम भाग By Mahendra Bhishma

एक अप्रेषित-पत्र महेन्द्र भीष्म एक अप्रेषित पत्र दीदी का पत्र आशा के विपरीत आया था। पत्र बहुत संक्षेप में था, उनकी आदत के बिल्कुल उलटे। पत्र में लिखीं चार पंक्तियों ने पत्नी रजनी औ...

Read Free

हिन्दी का इतिहास और विकास By Abhishek Chaturvedi

हिन्दी का इतिहास और विकासहिन्दी भाषा की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसका इतिहास वैदिक काल से जुड़ा है, जब संस्कृत जैसी समृद्ध भाषाओं का प्रयोग होता था। संस्कृत से ही अपभ्रंश भाषाओं का जन्...

Read Free

एक पत्र ज़िंदगी के नाम By उषा जरवाल

एक पत्र - ज़िंदगी के नाम प्रिय ज़िंदगी, मधुर स्मृति कैसी हो तुम ? बहुत दिनों से तुमसे मुलाक़ात नहीं हो पाई । ना जाने कहाँ खो गई हो जो कभी मिलती ही नहीं | तुम जब से गई हो तबसे एक एक ब...

Read Free

Letter From Me - 2 By Rudra S. Sharma

Friends! what I sense, feel or observed, based on the same, do according to you, am I am doing any mistake, if you are comfortable or ok with answering for the same, pls. let me kn...

Read Free

एक आखिरी खत उसे By Prahlad Pk Verma

hiii पागल दुआ करता हूं कि तुम अच्छी होगी, कभी सोचा नहीं था कि मुझे कभी तुम्हे इस तरह खत लिखना पड़ेगा या कहूं तो इस तरह हमारा रिश्ता खत्म होगा मैंने जिंदगी में अगर किसी से सबसे ज्या...

Read Free

चिठिया हो तो हर कोई बांचे By Prafulla Kumar Tripathi

जबसे लैपटाप और मोबाइल युग आया है हम सभी के जीवन से पत्र लेखन ,मनन और वाचन की विधा धीरे धीरे विदा हो रही है ।अपनी सेवा प्रारम्भ वर्ष 1977 से रिटायरमेंट वर्ष 2013 में, फुर्सत के क्षण...

Read Free

रिश्ता चिट्ठी का - 5 By Preeti

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं थीं मैं!!! अच्छा हुआ उससे नहीं मिले आप!! वो, जिसने आपको, आपके प्यार को अपनी ज़िन्दगी में एहमियत...

Read Free

रिश्ता चिट्ठी का By Preeti

दिनांक:26/12/2022प्रोफेसर!मालूम है तारीख़ गलत लिखी है, लेकिन 26 तारीख़ अब शायद ही मैं कभी भूल सकूंगी। जो हुआ उस वजह से नहीं, जो हुआ उस वजह से आपका मेरी ज़िन्दगी में शामिल होना! कहाँ स...

Read Free

बर्बरता का समाधान क्या हैं ? By Rudra S. Sharma

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकता को आकार दें सकती हैं अतः मुक्ति की योग्य इच्छ...

Read Free

सर्व समर्थ जागरूकता की उपलब्धता का पथिक हूँ मैं ..! By Rudra S. Sharma

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकता को आकार दें सकती हैं अतः मुक्ति की योग्य इच्छ...

Read Free

राख!! By Madhu

अरे ये क्या कह रही हो तुम अभी कुछ दिन पहले हि हमारी बात हुई थी तब तो सब ठीक था! एकदम फ़िट एण्ड फ़ाइन थी ये सब कैसे क्या हो गया ?यकीन नहीं हो रहा है सुन्न पड गये है! हैं....? कल तो मि...

Read Free

मुमुक्षु अवचेतन की चेतन मन को प्रतिक्रिया By Rudra S. Sharma

मेरे मुमुक्षु अवचेतन मन की, मुक्त यानी पूर्ण मृत निराकार चेतन मन के प्रेम पूर्ण आमंत्रण की प्रतिक्रिया ..!!मैं ऐसे वाहन चालक सा हूँ, जिसके हिसाब सें वाहन नहीं बल्कि जो असहाय होने स...

Read Free

कुछ शब्द!! By Madhu

उस दिन तुम्हारे बारे में किसी और से मालूम हुआ मुझे उस बात तनिक भी खबर ना थी जब पता चला मेरा दिल धक से हुआ ऐसा लगा कि किसी ने मेरे मुहँ पर तमाचा जड दिया हो ! इतना जुडाव जो तुमसे था...

Read Free

कुछ बाते.... By Madhu

क्यो क्यो हर बार हम अपने जाबान्ज वीरो को खो दे रहे हैं सिर्फ़ कुछ गद्दारो जिस देश का नमक खाते हो क्यो नमक हलाली करते हो..... क्या मिलता ऐसा करके एक फ़ौजी तो अपने देश कि प्रति निष्ठाव...

Read Free

मेरा प्रेम पत्र By Rudra S. Sharma

सही गलत दों हैं और वास्तविकता एक मात्रता का नाम, इसका मतलब हैं जहाँ सही और गलत हों सकता हैं वहाँ भृम या सत्य की ओर इशारे हों सकतें हैं.. सत्य नहीं! और जहाँ न सही हैं और न ही गलत वह...

Read Free

गालियों का प्रयोग क्या सही हैं? By Rudra S. Sharma

अपमान कर्ता शब्दों के प्रयोग, कलंक या निंदा की बात अर्थात् अपशब्दों यानी गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?जो जैसा हैं उसे वैसा ही कहना अर्थात् ही सत्य कहना होता हैं और जिसकी जो जैसा...

Read Free

एक चिट्ठी प्यार भरी - 4 By Shwet Kumar Sinha

प्रिय प्रियतमा, आज एकबार फिर तुम्हारी नगरी में हूं। पर सबकुछ कितना बदल गया है यहां! या फिर शायद ये मेरी नजरों को धोखा भी हो सकता है क्योंकि तुम जो साथ नहीं हो अब।याद है, पहले हम और...

Read Free

मोटे अनाज मल्टीग्रेन की संक्षिप्त जानकारी 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष By JUGAL KISHORE SHARMA

एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में कदन्न अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। कदन्न अनाज को मोटा अनाज भी कहा जाता है क्योंकि इनके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी...

Read Free

आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा समकालीन अध्ययन के सार By JUGAL KISHORE SHARMA

आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा, समकालीन अध्ययन के सार स्वयं और व्यक्तियों को अक्सर समकालीन दर्शन में समानार्थक शब्द के रूप में उपयोग किया जाता है, और कभी-कभी पश्चिमी...

Read Free

तुम्हारे नाम एक पत्र और By SURENDRA ARORA

आज चालीस साल बाद एक बार फिर तुम्हें चिट्ठी लिखने की इच्छा हुई है। इच्छा, आज ही नहीं सच कहूं तो पिछले कई दिनों से दिल के, दिमाग के न जाने कितने कोनो में सागर में किसी उफान की तरह हि...

Read Free

પ્રિય ભાઈ By Dave Tejas B.

પ્રિય ભાઈ આજે તારા વિશે મારા મનમાં ઉઠતા વિચારના મોજાને કલમે કંડારવની ઈચ્છા થઇ પરંતુ વિડંબના એ છે કે શરૂવાત ક્યાંથી કરું, કેટલું લખવું છે તેમ છતાં કય લખવાની ઈચ્છા જ નથી, કેટલું કહેવ...

Read Free

I Hate You I Love You - 13 By Swati

13 आदित्य ने सिद्धार्थ की बात सुनकर गाड़ी अपने घर के रास्ते कर दी । सिद्धार्थ अपने घर के बाहर उतरा । जाते हुए सिद्धार्थ ने कहा, "हम कल बात करेंगे आज तो तेरा दिमाग ठिकाने पर नहीं लग...

Read Free

राजस्थान की कहावतें By JUGAL KISHORE SHARMA

  छोटी मोटी कामणी सगळी विष की बेल (छोटी या बड़ी, सभी कामिनियाँ जहर की बल । अथवा विषय वासना की ओर ले जाने वाली हैं।) जवान में ही रस अर जबान में ही बिस। (बोली में ही रस है और बोली म...

Read Free

आदर्श अभिभावकों को कैसा होना चाहियें? By Rudra S. Sharma

पक्षी को कोई उड़ना नहीं सिखाता, बस इस कदर उड़ने की आवश्यकता होनी चाहियें कि उसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचें; फिर क्या.. उनका उड़ना अंदर से आता हैं; शायद यहीं बात मादा चील जान...

Read Free

मेरी अभिव्यक्ति किसके लियें हैं? By Rudra S. Sharma

मेरी अभिव्यक्ति किनके लियें हैं?ईश्वर ने सभी को अलग-अलग दिमाग दियें हैं इसका मतलब हैं कि वह चाहता हैं कि सभी अपने लियें सोचें और समझें कि उन्हें क्या करना चाहियें और क्या नहीं। इसक...

Read Free

सत्य को स्वार्थी नहीं होना चाहियें। By Rudra S. Sharma

लेखक और लेखन के संबंध में।मेरी अभिव्यक्ति केवल मेरे लियें हैं यानी मेरी जितनी समझ के स्तर के लियें और यह मेरे अतिरिक्त उनके लियें भी हो सकती हैं जो मुझ जितनी समझ वाले स्तर पर हों अ...

Read Free

Why are most people unable to understand me? By Rudra S. Sharma

क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहते हैं?किसी का भी मुझे समझ नहीं सकने का सही अर्थों में यानी वास्तविक कारण क्या हो सकता हैं?क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहत...

Read Free

मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं? By Rudra S. Sharma

■ मैं संसार से पूर्णतः विरक्ति के पश्चात भी सांसारिक क्यों और कैसे हूँ?मैं संसार से पूर्णतः विरक्त हूँ यानी सत्य या वास्तविकता के महत्व से पूर्णतः भिज्ञ हूँ परंतु अज्ञान यानी कि सं...

Read Free

दिसंबर️️ By Priya pandey

दिसंबर तुम मेरे लिए सबसे खास हो, सबसे करीब भी..खास क्यों ये मैं नहीं जानती लेकिन इतना पता है कि हर बार तुम मुझे और मजबूत बना जाते हो, बचपन से ही साल भर तुम्हारे तुम्हारे आने का इंत...

Read Free

प्रियतमने पत्र By Bhanuben Prajapati

प्रियतमने पत्र भाग - 1 प्रिय सागर आज तुम्हें एक खत भेज रही हूं । जिसने मेरे हदयमें लगी हुई दिल की याद को भेज रही हूं । तुम मेरे इस खत का जवाब जरूर भेजना तुम्हारी याद आती है .तब दिल...

Read Free

मेरा यार शिंदे बाबू... By Deepak Pradhan

ओय शिंदे बाबू...आज तेरे जन्मदिन पर मन कर रहा है कि मैं तुझपर ढेर सारी बातें लिखूँ तुझे लिखू,तेरी बाते लिखूँ,तेरी यादे लिखूँ या फिर तेरी वो सरारते लिखूँ जो तू बचपन में स्कूल में किय...

Read Free

खुला पत्र (शराबी पति के नाम) By Alok Mishra

हे प्राणनाथ, यहाँ सब लोग कुशल मंगल है। इस पत्र को लिखते हुए मुझे अपने वे दिन याद आ रहे है, जब हम पहली बार राशन की दुकान पर मिले थे। तुमने मुझे देखा और देखते रह गए, मैं सावली...

Read Free

एक पत्र भगवान के नाम By Megha Rathi

भगवान जी नमस्कार, आशा है कि आप कुशलतापूर्वक होंगे, हाँ.. होंगे ही… क्योंकि आप तो भगवान हैं जो सबकी इच्छाएं पूरी करते हैं, सभी आपसे सुख की कामना करते हैं तो आप स्वयं का ध्यान रखने...

Read Free

Unemployment And The Red (Hersh of Society) By शिवाय

Unemployment in India & The Redआपके शब्द और आपका समय हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है ??देश के विकास में आपकी लिखित रचना काम आ सकती हैहम एक शीर्षक पर काम कर रहे है जिसका नाम "बेरोजगारी...

Read Free

एक पाती माता पिता के नाम By Annada patni

एक पाती माता पिता के नाम अन्नदा पाटनी पूज्य बाबूजी व अम्माँ, सादर प्रणाम । यह जानते हुए भी कि आप हमारे बीच में नहीं है, न हीं आप हमें देख सकते हैं और न ही सुन सकते है, फिर भी आपको...

Read Free

इलाहाबादी चिट्ठी बाबू जी के नाम By Abhinav Singh

प्रिय बाबू जी, आपका पत्र हमको मिला। हम यहाँ कुशल से हैं और आशा करते है की वहाँ भी सब कुशल ही होगा। बाबू जी आपको सूचित करते हुये बहुत हर्ष हो रहा है कि इस बार फिर हमारा समीक्षा अधिक...

Read Free

बेनामी ख़त - 3 By Dhruvin Mavani

( ये किसी एक के लिए नही है वल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी जिंदगी में सच्ची मोहब्बत की है लेकिन अब वो उनके साथ नही है । इसका हर शब्द बिल्कुल आजाद है वो जहाँ चाहे वहाँ पहोच सक...

Read Free

एक अप्रेषित-पत्र - 14 - अंतिम भाग By Mahendra Bhishma

एक अप्रेषित-पत्र महेन्द्र भीष्म एक अप्रेषित पत्र दीदी का पत्र आशा के विपरीत आया था। पत्र बहुत संक्षेप में था, उनकी आदत के बिल्कुल उलटे। पत्र में लिखीं चार पंक्तियों ने पत्नी रजनी औ...

Read Free